संविधान में धर्मग्रंथ की छेड़छाड़ की मनाही और अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रावधान है.
लेख़क:- अफ्फ़ान नोमानी उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने गुरुवार को एक और बड़े विवाद को जन्म देते हुवे कहा कि छब्बीस क़ुरआन की आयतें हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। वसीम रिज़वी ने पवित्र क़ुरआन से छब्बीस आयतें हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए वसीम रिजवी ने कहा कि छब्बीस क़ुरआन की आयतें हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। रिज़वी ने हज़रत अबुबकर सिद्दीक (रज़ि.), हज़रत उमर फारूक (रज़ि.) और हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान (रज़ि.) पर भी टिप्पणी करते हुवे कहा कि तीनों सहाबा ने उन सभी आयतों को पवित्र क़ुरआन में शामिल किया है जो हिंसा , जिहाद और आतंकवाद बढ़ावा देती हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है की इस तरह के विवाद को जन्म दिया हो. उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कई मुस्लिम विरोधी बयान दिए हैं। उन्होंने हमेशा जिहाद शब्द की गलत व्याख्या की और हिंदुत्व से सहानुभूति हासिल करने के लिए मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ बात की। वसीम रिज़वी की विवादास्पद टिप्पणी "26 कुरान की आयतें हिंसा , जिहाद और आतंकवाद बढ़ावा देती...