फरवरी 2019 में शाहीन एजुकेशनल एन्ड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित रिसर्च स्कालर इंजीनियर अफ्फान नोमानी की मशहूर किताब "कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस " दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए पहली पसंद बना हुआ है।
बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन तेलंगाना स्टेट द्वारा आयोजित एसएससी के परीक्षा में औसतन 9.8 GPA व साइंस में 10 GPA लाकर सीपएच स्कूल टॉपर बनी तसलीम फातिमा कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस किताब की सबसे अच्छी खूबसूरती यह है कि प्रत्येक अध्याय ( chapter ) के कनसेप्ट को डाइग्राम के साथ गहराई से विश्लेषण किया है। इस किताब की सबसे रोचक तथ्य यह है कि सभी कनसेप्ट व एक्टिविटि को अलग अलग कर स्पष्ट रूप से वर्णन ( Explain ) किया है। इस किताब की सबसे बड़ी खुशुसियत यह है कि रट कर पढ़ने के बजाय स्पष्ट एक्टिविटि व सही कनसेप्ट को प्रमुखता से वर्णन किया है जो अन्य पाठ्यपुस्तकों ( Textbook ) से कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस किताब को अलग करता है". एन आर साइंस सेंटर की टॉपर आयशा ( 9.2 GPA ) कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस अब तक की सबसे बेहतरीन सरल भाषा में कनसेप्ट को परिभाषित करनी वाली पहली साइंस किताब है जो एसएससी के छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है। सभी छात्रों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। मेरे हिसाब से इस किताब को 10/10 रेट देना चाहिए।
जबकि साइंस में 10 GPA लाने वाली फिरदोस कहती है कि कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस की सरल कनसेप्ट के साथ एक्टिविटि ( Activity ) की आसान भाषा में होने की वजह फिजिक्स को समझना आसान हो गया जिसकी वजह से साइंस में 10 GPA लाने में कामयाब रही। फिजिक्स में बढ़ती मेरी इनट्रेस्ट की वजह से ही अफ्फान नोमानी सर मेरे पसन्दिदा लेखकों में से शुमार हैं।
साइंस में 9 GPA लाने वाले टॉपर छात्र खाजा कहते है कि " शुरुआत में मुझे फिजिक्स बिलकुल समझ मे नहीं आता था लेकिन परीक्षा के करीब बचे एक महिने मे कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस को लेकर पढ़ना शुरू किया तो मुझे सभी कनसेप्ट समझ में आने लगा जिससे मुझे फिजिकल साइंस मे इनट्रेस्ट आने लगा । मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि इस किताब को पढ़ने के बाद कोई भी छात्र आसानी से फिजिक्स कनसेप्ट को समझ सकता है और एसएससी में अच्छा नम्बर ला सकते है।
साइंस में 9 GPA लाने वाली सीपएचएस की होनहार छात्रा जुहा कहती है कि " इस किताब को पढ़ने के बाद फिजिक्स विशेष के पीछे छुपा वह हर अनसुलझे रहस्यमय सिद्धांत जिसे आसानी से समझना मुश्किल होता वह किताब में मौजूद आसान भाषा में परिभाषित कन्सेप्ट को विभिन्न डाइग्राम व टेबल के जरिये आसानी से समझ सकते है।"
एनआरएससी की हुसना नाज ( 8.8 GPA ) कहती है कि " मैं बहुत भाग्यशाली हु कि मैं किताब के लेखक अफ्फान नोमानी सर की छात्रा रही और मुझे साइंस पर आधारित लेख पढ़ना काफी पसन्द हैं, नोमानी सर की किताब पढ़ना मेरे परीक्षा में काफी फायदेमन्द रहा " । वही मुब्शसिरा ( 7.2 GPA ), व रुकशार ( 7.5 GPA ) कहती है कि मेरे लिए फिजिक्स के कनसेप्ट व नुमेरिकल हल करना काफ़ी कठिन लगता था लेकिन अल्ह्मदुल्लिाह कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस पढ़ने के बाद मैं फिजिकल साइंस के परीक्षा में कठिन सवालों को हल करने में कामयाब रही है।
औसतन 8.7 GPA व साइंस मे 9 GPA लाने वाली एमआइएमएस की टापर मुनज्जा कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस पढ़ने से परीक्षा में मेरे लिए काफ़ी मददगार साबित हुआ क्योंकि इस किताब की सबसे अच्छी खासियत यह है किताब के लेखक ने सभी कनसेप्ट पर आधारित डाइग्राम व टेबल को काफी बेहतरीन तरीके से सजा कर वर्णन किया है जो बाक़ी अन्य किताबों में नहीं है। कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस के लेखक अफ्फान नोमानी सर का रिसर्च वर्क वाकई बहुत काबिले तारीफ़ के लायक है। यह किताब हर फिजिक्स के शिक्षक व छात्रों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।
बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन तेलंगाना स्टेट द्वारा आयोजित एसएससी के परीक्षा में औसतन 9.8 GPA व साइंस में 10 GPA लाकर सीपएच स्कूल टॉपर बनी तसलीम फातिमा कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस किताब की सबसे अच्छी खूबसूरती यह है कि प्रत्येक अध्याय ( chapter ) के कनसेप्ट को डाइग्राम के साथ गहराई से विश्लेषण किया है। इस किताब की सबसे रोचक तथ्य यह है कि सभी कनसेप्ट व एक्टिविटि को अलग अलग कर स्पष्ट रूप से वर्णन ( Explain ) किया है। इस किताब की सबसे बड़ी खुशुसियत यह है कि रट कर पढ़ने के बजाय स्पष्ट एक्टिविटि व सही कनसेप्ट को प्रमुखता से वर्णन किया है जो अन्य पाठ्यपुस्तकों ( Textbook ) से कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस किताब को अलग करता है". एन आर साइंस सेंटर की टॉपर आयशा ( 9.2 GPA ) कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस अब तक की सबसे बेहतरीन सरल भाषा में कनसेप्ट को परिभाषित करनी वाली पहली साइंस किताब है जो एसएससी के छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है। सभी छात्रों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। मेरे हिसाब से इस किताब को 10/10 रेट देना चाहिए।
जबकि साइंस में 10 GPA लाने वाली फिरदोस कहती है कि कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस की सरल कनसेप्ट के साथ एक्टिविटि ( Activity ) की आसान भाषा में होने की वजह फिजिक्स को समझना आसान हो गया जिसकी वजह से साइंस में 10 GPA लाने में कामयाब रही। फिजिक्स में बढ़ती मेरी इनट्रेस्ट की वजह से ही अफ्फान नोमानी सर मेरे पसन्दिदा लेखकों में से शुमार हैं।
साइंस में 9 GPA लाने वाले टॉपर छात्र खाजा कहते है कि " शुरुआत में मुझे फिजिक्स बिलकुल समझ मे नहीं आता था लेकिन परीक्षा के करीब बचे एक महिने मे कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस को लेकर पढ़ना शुरू किया तो मुझे सभी कनसेप्ट समझ में आने लगा जिससे मुझे फिजिकल साइंस मे इनट्रेस्ट आने लगा । मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि इस किताब को पढ़ने के बाद कोई भी छात्र आसानी से फिजिक्स कनसेप्ट को समझ सकता है और एसएससी में अच्छा नम्बर ला सकते है।
साइंस में 9 GPA लाने वाली सीपएचएस की होनहार छात्रा जुहा कहती है कि " इस किताब को पढ़ने के बाद फिजिक्स विशेष के पीछे छुपा वह हर अनसुलझे रहस्यमय सिद्धांत जिसे आसानी से समझना मुश्किल होता वह किताब में मौजूद आसान भाषा में परिभाषित कन्सेप्ट को विभिन्न डाइग्राम व टेबल के जरिये आसानी से समझ सकते है।"
एनआरएससी की हुसना नाज ( 8.8 GPA ) कहती है कि " मैं बहुत भाग्यशाली हु कि मैं किताब के लेखक अफ्फान नोमानी सर की छात्रा रही और मुझे साइंस पर आधारित लेख पढ़ना काफी पसन्द हैं, नोमानी सर की किताब पढ़ना मेरे परीक्षा में काफी फायदेमन्द रहा " । वही मुब्शसिरा ( 7.2 GPA ), व रुकशार ( 7.5 GPA ) कहती है कि मेरे लिए फिजिक्स के कनसेप्ट व नुमेरिकल हल करना काफ़ी कठिन लगता था लेकिन अल्ह्मदुल्लिाह कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस पढ़ने के बाद मैं फिजिकल साइंस के परीक्षा में कठिन सवालों को हल करने में कामयाब रही है।
औसतन 8.7 GPA व साइंस मे 9 GPA लाने वाली एमआइएमएस की टापर मुनज्जा कहती है कि " कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस पढ़ने से परीक्षा में मेरे लिए काफ़ी मददगार साबित हुआ क्योंकि इस किताब की सबसे अच्छी खासियत यह है किताब के लेखक ने सभी कनसेप्ट पर आधारित डाइग्राम व टेबल को काफी बेहतरीन तरीके से सजा कर वर्णन किया है जो बाक़ी अन्य किताबों में नहीं है। कॉम्प्रिहेंसिव फिजिकल साइंस के लेखक अफ्फान नोमानी सर का रिसर्च वर्क वाकई बहुत काबिले तारीफ़ के लायक है। यह किताब हर फिजिक्स के शिक्षक व छात्रों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।
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