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हम से है मुल्क, मुल्क से है हम


सर्वोच्च इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलुम देवबंद , जमीयत अहले हदिस और बरेली, अजमेर के सभी मुस्लिम
संगठन व विभिन्न धर्मगुरुओं  के अपील को मुस्लिम समाज ने दिल से स्वागत किया और आज (शुक्रवार) को
मुल्क के मुसलमानों ने जुमा की नमाज  अपने -अपने घरों में अदा किया।
कोरोना वायरस ने पुरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है ऐसे में सावधानी बरतना अतिआवश्यक है।
भारत में  लॉकडाउन एक सही कदम है। इस पर  सभी भारतीयों का एकमत  राय है। जिसका  विश्व स्वास्थ्य
संगठन ( डब्लूएचओ ) ने भी सराहना किया है। लॉकडाउन होने से परिणाम बेहतर आने की सकेंत मिल रहे हैं।
 कई देशों में देर से हुए लॉकडाउन से बुरे परिणाम आए। कहीं न कहीं यह चुक भारत से भी हुआ है।
भारत के लिए सबसे बड़ी परेशानी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली है जहाँ 84,000 भारतीयों पर  1 आइसोलेशन बेड है,
36,000 भारतीयों पर  सिर्फ 1 क्वारेन्टाइन बेड जबकि 11,600 भारतीयों पर सिर्फ 1 डाक्टर है।
ऐसे में भारत के लिए मेडिकल स्तर पर कोरोना से लड़ना मुश्किल है। आज के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक
भारत में कोरोना से जुड़े 724 केस सामने आ चुके है जिसमें 17 लोग अब तक जान गवा चुके हैं।
विश्व स्तर पर 53,1860 केस सामने आया है जिसमें 24,057 लोग अब तक इस कोरोना वायरस से जान गवा चुके हैं।
दुनिया में  इस बीमारी से निजात पाने के लिए कोई दवाई व टिका नहीं है, ऐसे मे इस महामारी से कैसे लड़ा जाए
इस पर दुनिया में वायरस का सबसे बड़ा डाक्टर डॉक्टर एंथनी फाउची बताते है कि फिलहाल कोरोना का एक
 ही तोड़ है -एकान्तवास। यानी आप  घरों में रहे अकेले। परिवार के साथ घरों में रहे सावधानी के साथ।
इसलिए भारत सरकार ने लॉकडाउन कर दिया है लेकिन जो सबसे बड़ी परेशानी आ रही है वो है गरीब व मजदूर
तबक़े के लोग जिसका आर्थिक स्तर पर बुरा हाल है। लाखों मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में फसे हुए , खाने- पीने
का बड़ा  संकट है। सरकार को  इस पर तुरंत कुछ उपाय करना चाहिए वरना ये लोग भुख से मर जाएंगे। यह बात
मैं बहुत जिम्मेदारी से इसलिए भी लिख रहा हूँ कि मेरी खुद विभिन्न राज्यों में फसे लोगों से बातचीत हुई है। दुसरी
तरफ पुलिस द्वारा अनावश्यक रूप से खाद्य सामग्री ले जाते लोगों  पर अन्धाधुन्ध पिटाई से बुरी तरह से जख्मी व
मरने की खबर प्रकाश में आया है। अनावश्यक रुप से समुह बनाकर निकले लोगों
पर सख्ती जरूरी है लेकिन अन्धाधुन्ध पिटाई सही नहीं है। क्योंकि हमारा मकसद लोगों को बचाना है क्योंकि
हम से है मुल्क, मुल्क से है हम । सरकार को इस पर भी पुलिस को सही दिशा निर्देश देने की जरूरत है।
जबकि लोगों को चाहिए कि वो लॉकडाउन के नियम कानून का सही से पालन करें।  विश्व स्वास्थ्य संगठन
( डब्लूएचओ ) द्वारानिर्देशित नियमों को घरों में पालन करें। कम से कम हमें हर 20 मिनट में हाथ साफ करते
रहना चाहिए, एक मिटर की दूरी बनाए रखना चाहिए, छिकते वक्त रुमाल का इस्तेमाल करें, आसपास सफाई
का ख्याल रखें और कम से कम  प्रतिदिन गर्म पानी  का इस्तेमाल जरूर करें , इसे चिकित्सा विशेषज्ञ ने जरूरी
बताया है क्योंकि वायरस को मारने में गर्म पानी का उपयोग बहुत अहम है।
हमें नियमों का पालन करते रहना चाहिए। हौसला रखिये, हो सकता है कि कोरोना की त्रासदी कुछ दिनों में
खत्म हो जैसा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और स्टेनफोर्ड बायोफिजिसिस्ट माइकेल लेविट ने लॉस एंजेल्स
टाइम्स  से बातचीत में कहा है।

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